आजकल शहरों में ज्यादातर लोग रात को देर से खाना खाते हैं लगभग (8-12 बजे) तक और वहीं गाँव में लोग शाम को सूर्यास्त तक यानि लगभग 6-6:30 बजे तक खाना खा लेते हैं, इसी वजह से शहर के लोग खुद को मॉर्डन समझते हैं और गाँव वालों को गंवार लेकिन मैं आपको बतादूँ रात को देर से खाना खाने के बहुत सारे नुकसान हैं-
देर रात खाना खाने के नुकसान –
• हमारे पेट में एक अग्नि जलती है जो हमारा खाना पचाती है उसे हम जठरअग्नि बोलते हैं और वो सूर्य से सम्बन्धित होती है मतलब जब सूर्य तेज होता है तो वो तेज होती है जब सूर्य धीमा होता है तो वो भी धीमी हो जाती है इसलिये सुबह के समय जठरअग्नि सबसे तेज होती है, दोपहर में उससे कम और शाम को उससे कम, शाम को सूर्यास्त के समय हमारी जठरअग्नि धीमी होती है और सूर्यास्त के बाद रात को वो बुझ जाती है इसलिये सूर्यास्त तक हम जो खाना खाते हैं वो पच जाता है और रात में जो हम खाना खाते है वो पच नहीं पाता है और उससे कई बीमारियां होती हैं जैसे कब्ज, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, तनाव, हाईब्लडप्रेशर, डायबिटीज, दिल की बीमारियां यहां तक कि अगर लगातार रात को खाना खायें तो कैंसर तक होने की संभावना होती है।
• रात को देर से खाना खाने के बाद हम तो सो जाते हैं लेकिन हमारा पाचनतंत्र रातभर खाना पचाता रहता है मतलब पाचनतंत्र नहीं सो पाता है उसको आराम नहीं मिल पाता है और सुबह उठकर फिर आप खाने लगते हो फिर आपका पाचनतंत्र खाना पचाने में लग जाता है, इस तरह से आपके पाचनतंत्र को कभी आराम नहीं मिल पाता है इसी वजह से पाचनतंत्र की क्षमता कम हो जाती है इसी वजह से वो लम्बे समय तक अच्छे से खाना पचाने का काम नहीं कर पाता है उसमें दिक्कतें आने लगती हैं, रात को आपके सारे पाचक अंग सुस्त हो जाते हैं वो सोने की अवस्था में होते हैं और जब आप रात को देर से खाना खाते हैं तो पाचनतंत्र पाचकरस और एसिड्स बहुत कम मात्रा में निकाल पाता है जिस वजह से खाना अच्छे से नहीं पच पाता है, रात को खाना खाने सेपाचन करने वाले अंग तकलीफ में आ जाते हैं और खाना अच्छे से पच नहीं पाता तो सुबह पेट साफ होने में दिक्कत होती है, उसमें ज्यादा समय लगता है और एक बार में पूरा पेट साफ नहीं होता है कई बार जाना पड़ता है और जब लगतार ऐसा होता है तो मल के साथ खून आने लगता है जिसे बवासीर कहते है और कई दिनों तक ऐसी स्थिति रहे तो यही मलाशय (गुदाद्वार) और बड़ी आंत का कैंसर बनता है जिसे कोलोन और रेक्टल कैंसर कहते हैं।
• जब आप रात को देर से खाना खाते हैं तो आपकी जठरअग्नि बुझ चुकी अ होती है तो खाना पचने की बजाय सड़ने लगता है और उसमें गैस बनती है वो गैस पूरे शरीर में घूमती है इसलिये आपको कईबार सिरदर्द, पीठ का दर्द, सीने में जलन, पेटदर्द, पेट में जलन, कमर में दर्द, दिल में दर्द, गले में जलन की दिक्कत हो जाती है, आपको बेचैनी भी हो सकती है, उल्टी आ सकती है, सिर घूम सकता है यही वजह है की आपको जब आप देर से खाना खाते हैं रात में तो अच्छे से नींद नहीं आती है और एक चीज और बतादूँ जब खाना पचेगा नहीं तो खाने के पोषक तत्व शरीर को नहीं मिल पाते हैं जैसे विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, अब आपको बताता हूँ कि जठरअग्नि क्या होती है- हम जो भी खाते हैं ये अग्नि इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर शरीर के अनुरूप बना देती है और जैसे आप खाने का पहला कौर मुँह में डालते हो ये शुरू हो जाती है और खाना पचने तक जलती रहती है हम जो भी भोजन करते हैं उसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, विटामिन प्रोटीन, जैसे तत्व शरीर में धातुओं का निर्माण करते हैं लेकिन सीधे तौर पर ये तत्व धातुओं में नहीं बदलते हैं खाने को शरीर के अनुरूप ढालने की क्रिया अग्नि द्वारा सम्पन्न होती है, अग्नि इस पाचन के लिये पेट, लीवर में कई तरह के पाचक रसों को उत्पन्न करती है और सभी प्रकार के ठोस, द्रव पदार्थों को धातुओं व मल में परिवर्तित करती है, अग्नि न जले तो भोजन नहीं पचेगा और शरीर को ऊर्जा नहीं मिलेगी और जठरअग्नि अपनी गर्मी से खाने को पचा देती है, आयुर्वेद के अनुसार जब अग्नि जलेगी तभी खाना पचेगा और पचेगा तो सात धातुयें बनती है रस,रक्त, मांस, मज्जा (बोनमैरो), वीर्य, हड्डियां, मांसपेशियां व मल, मूत्र और वास्तव में जठरअग्नि शरीर में उत्पन्न होने वाले एसिड्स, एन्जाइम्स और पाचक रसों से मिलकर बनती है और इसका प्रभाव हीट का होता है इसलिये कहते हैं खाना खाने के तुरन्त बाद कभी पानी न पियें या ठन्डी चीज जैसे आइसक्रीम वगैरा न खायें नहीं तो जठरअग्नि बुझ जाती है और गाँव के लोग सूर्यास्त तक खाना खा लेते हैं इसलिये उनका खाना पच जाता है और रात में पाचन तंत्र को आराम मिल जाता है इसलिये वो स्वस्थ रहते हैं और लम्बी उम्र जीते हैं।