चंदौली। परिषदीय स्कूलों को शिक्षा व्यवस्था को बेपटरी कर महज शिक्षकों का शोषण कर रहे धानापुर बीईओ अवधेश नारायण सिंह की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी जांच कराने के नाम पर मामले की लोपा पोती करने में लगे हैं।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि मामूली गलतियों पर शिक्षकों को नोटिस थमाकर प्रताड़ित करने वाले बीईओ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांग रिपोर्ट कय तक आएगी?जिले के धानापुर बीईओ अवधेश नारायण सिंह के संरक्षण में ब्लॉक अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बेवदा के प्रधानाध्यापक अखिलेश सिंह वर्षों से ईट भट्टा चला रहे हैं। और उनके स्थान पर रनपुर गांव के किसान गंगा सिंह उनसे कुछ रुपये मानदेय लेकर बच्चों को पड़ा रहे हैं। यह खेल नया नहीं शुरू हुआ है। यह सब पिछले आठ वर्ष से अनवरत चल रहा है। इस कार्य के लिए उन्हें बीईओ का खुला संरक्षण प्राप्त है। बीएसए के निर्देश पर हुई जांच में भी उक्त प्रधानाध्यापक ड्यूटी से गायब मिले थे।

यहीं दूसरी तरफ पूर्वमाध्यमिक विद्यालय नगवां और अमर शहीद हीरा सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिंगुतरगढ़ में भी बीईओ के संरक्षण में फर्जीवाड़ा जमकर फल फूल रहा है।इसी तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालय तोरवा में कार्यरत अनुदेशक ने खुले आम आरोप लगाया कि यहां कई शिक्षक ऐसे हैंजिनके शैक्षणिक अभिलेख फर्जी एवं कूट रचित हैं। उक्त अनुदेशक की जय नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया तो उसने गोपनीय तौर पर बीईओ को फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रहे कई शिक्षकों के नाम भी बता दिए हैं।
लेकिन बीईओ सब कुछ जानकर भी सच्चाई सामने नहीं ला रहे हैं। अलबत्ता वे उन्हीं दागी शिक्षकों, हेडमास्टरों और प्रबंधकों से लेन देन कर मामले को रफा दफा करने कराने में लगे हुए हैं। मजेदार बात यह है कि बीईओ के फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार को बीएसए के स्तर पर भीपर्दा ही डाला जा रहा है।
यदि यह सब फर्जीवाड़ा ऐसे ही चलता रहा तो यह दिन दूर नहीं जब शिक्षा विभाग के अधिकारी और कुछ शिक्षक आपस में सांठ गांठ कर पूरे शिक्षक समाज को कटघरे में खड़ाकर देंगे। कुछ शिक्षकों में तो बीईओ की इस कार्यशैली को लेकर गहरी नाराजगी भी है। लेकिन वे अपने साथ फर्जी कार्रवाई के डर से गुस्से का खुलकर इजहार नहीं कर पा रहे हैं। उधर क्षेत्रीय अभिभावकों नेडीएम एवं सांसद, विधायक सहित मुख्यमंत्री का इस ओर ध्यान आकृष्ट कहते हुए इस जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इतर हट किसी स्वतंत्र एजेंसी से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया है।