भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे कानपुर देहात बीएसए अजय मिश्रा, योग्यता पर भी उठे सवाल

By Rajeev Gupta

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महोबा जिले के ग्राम पोस्ट छिकहरा निवासी उत्तम पुत्र हरीराम ने 20-09-2024 को बेसिक शिक्षा मंत्री उम्र सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर आरोप लगाए थे कि महोबा जिले में तैनात बीएसए अजय मिश्रा पुत्र कायिदीन निवासी पुरानी शराब की गददी फेथफुलगंज कानपुर कैंट मूल निवासी जिला अमेठी उम्र के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। जनपद के अंतर्गत विद्यालयों में बाउंड्रीवाल, शौचालय निर्माण के नाम पर 4 करोड रूप्ए की धनराशि जारी की गई थी, इसमें बीएसए 10 प्रतिशत का कमीशन लेकर भुगतान कराए गए। फर्नीचर आपूर्ति करने वाली फर्म सनराइज इंटरप्राइजेज गुजरात से मोटा कमीशन लेकर घटिया कालिटी के सामान की आपूर्ति ली गई। इसमें अजय मिश्रा के द्वारा 50 लाख रूप्ए से अधिक का कमीशन लिया गया। स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर धन उगाही की जा रही है। कस्तूरबा गांधी विद्यालय पनवाडी में बिना अनुमति के 3 लाख रूप्ए के सीसी कैमरे लगवाए गए। खाद्यान्न आपूर्ति में तगड़ा कमीशन लिया गया।

बीएसए कार्यालय में खरीदे गए 8 एसी और एल्मुनियम के पार्टीशन वर्क में जमकर कमीशन बाजी की गई। सामान को बाजार की दर से अधिक खरीदकर सरकारी खजाने को सीधे चपत लगाई गई। आरोप हैं कि खनिज निधि से खरीदे गए 65 हजार कीमत के टीवी का बिल 1 लाख 50 हजार का दिखाया गया, स्कूल में लगवाए गए अधिकतर टीवी बाद में गायब करा दिए गए। टीवी कि क्वालिटी इतनी खराब थी कि गारंटी पीरियड में ही खराब हो गए लेकिन बीएसए समस्त भुगतान कर दिए। इन शिकायतों को संज्ञान लेकर शिक्षा निदेशक बेसिक प्रयागराज ने 13-11-2024 को बीएसए महोबा को पत्र जारीकर रिपोर्ट तलब की। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मामले को मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है कि जांच को खत्म किया जाए लेकिन वह सीएम कार्यालय में दोबारा शिकायत करेंगे।

कमीशन नहीं मिला तो होल्डिंग अकाउंट में डाला बजट

शिकायतकर्ता का आरोप है कि फर्नीचर आपूर्ति करने वाली सनराइट इंटरप्राइजेज गुजरात को 31 मार्च को भुगतान कर देना चाहिए लेकिन कमीशन नहीं दिया गया तो पैसे को होल्डिंग अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया जो कि नियमानुसार गलत है। जब कमीशन ले लिया गया तब फर्म को भुगतान किया गया। इसकी जांच होनी चाहिए ऐसा क्यों किया गया।

 

उप्र के बेसिक शिक्षा विभाग में मनमानी और धांधलियां चरम पर है। बेसिक शिक्षा में तैनात कई अधिकारी जमकर भ्रष्टाचार करके खजाना भर रहे है और योगी सरकार जीरो टालरेंस नीति का शोर मचा रही है ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है। ताजा मामला महोबा जिले के तत्कालीन बीएसए अजय मिश्रा का है। उनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। अजय मिश्रा वर्तमान समय में कानपुर देहात जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी है।ईडब्लयूएस एवं विकलांग ओएल का के तहत नियुक्ति पाई। जब कि इनके पैर में विशिष्ट विकलांगता नहीं है। वहीं, यह एडीओ कॉपरेटिव के पद पर कार्ररत रहे हैं। ऐसे में ईडब्ल्यूएस का आरक्षण किस प्रकार से प्राप्त किया गया है। यह बहुत ही गंभीर प्रकरण है। इसकी जांच के लिए शिकायत की है, इसमें मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक के पत्रांक संख्या 21-37-38 में कहा गया है कि लगातार पत्रों के माध्यम से विकलांग एवं आरक्षण प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं लेकिन जवाब नहीं दिया जा रहा है।

इसके चलते जांच लंबित है। पत्रानुसार, अंतिम अवसर प्रदान करते हुए निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त प्रमाण पत्र लौटती डाक से अद्योहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराएं अन्यथा की स्थिति में शिकायत को सही मानते हुए रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी जाएगी। शिकायतकर्ता उत्तम कुमार के अनुसार सरकारी अभिलेखों में अजय कुमार मिश्रा पुत्र कारेदीन वर्तमान निवासी पुरानी शराब गददी फेथपुलगंज कानपुर ने भर्ती आयोग में जांच धीमी गति से की जा रही है। विभागीय जांच में अगर कार्रवाई नहीं हुई तो लोकायुक्त को प्रकरण भेजा जाएगा।

वहीं, इस संबंध मेंजानने के लिए बीएसए अजय कुमार मिश्रा के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तो पहले दिन उन्होने आरोपों को फर्जी करार दिया।

Rajeev Gupta

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