*वर्ष 2018 मे उच्च प्राथमिक प्र०अ० पदोन्नत होने वाले शिक्षक साथियों*
एक व्यक्ति के इशारे पर आपने मुझे अपना दुश्मन मान लिया,जबकि उस व्यक्ति ने पदोन्नति के बाद अपने निकटस्थ बाबू को खुश करने के लिए आप सबसे रुपयों का कलेक्शन किया,इतना ही नहीं उसके बाद पदोन्नत ग्रेड न लगने पर आप सबको गुमराह करके उच्च न्यायालय के नाम पर पैसा वसूला और उच्च न्यायालय मे दस हजारी वकील खडा करके पूरे जनपद के शिक्षकों का बंटाधार कर दिया, इसीलिए कहा गया है कि बहुत मीठा बोलने वाले का कभी भरोसा नही करना चाहिए और जब वह मीठा व्यक्ति झूठा भी हो तब तो और भरोसा नही करना चाहिए, फिर भी आपसे अधिकांश ने उस व्यक्ति का भरोसा किया और मेरे कठिन समय मे भी मुझसे दूरी बना ली।

आज वह व्यक्ति आपको हकीकत न बतायेगा क्योंकि झूठ और धोखा आदत मे शामिल है पर मै आपको हकीकत बताता हूं, यदि आप लोग चाहें तो अपनी बात को प्रमाणित भी करवा सकता हूं, आप मेरे साथ सम्मानित जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के समक्ष चलिये तो आपको पता चलेगा कि मै सही कह रहा हूं।
हकीकत यह है कि न्यायालय के क्रम मे श्रीमान् सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को आदेश दिया गया है कि *वर्ष 2018 की पदोन्नति कार्यभार ग्रहण तिथि के अनुसार होने के कारण निरस्त की जाती है और सभी को पदावनत करते हुये अनुपालन आख्या मांगी गयी है।*
सचिव महोदय के अनुसार पदोन्नति हेतु ज्येष्ठता सूची नियुक्ति की ज्येष्ठता के क्रम मे होना चाहिए न कि कार्यभार ग्रहण करने के क्रम मे,इसलिए पदोन्नति नियमविरुद्ध है। किंतु आपसे पैसा लेने वाला व्यक्ति आज तक यह बात नही बताया, जबकि इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने की निर्धारित समय सीमा (90 दिन) भी समाप्त हो गयी है और न इस सम्बन्ध मे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी महोदय से वार्ता कर सके हैं,जबकि जनपद मे आज तक जितनी भी पदोन्नति हुयी हैं,वह सभी पदोन्नति कार्यभार ग्रहण की तिथि के अनुसार हुए हैं न कि नियुक्ति की सूची के क्रम मे, इस तरह तो पूरे जनपद की पदोन्नति गलत है,इस सम्बन्ध मे यह लोग न कुछ बोल रहे और न इनकी समाधान कराने की क्षमता है।
इस समस्या का समाधान सम्मानित जिला बेसिक शिक्षाधिकारी महोदय ही करवा सकते हैं,वह यदि सचिव महोदय को वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे तो सचिव महोदय अपना आदेश संशोधन कर सकते हैं,इसलिए यदि आपको लगता है कि इस समस्या का समाधान अखिलेश पाण्डेय के अलावा कोई और कर सकता है तो आप उसको पैसा देकर बेवकूफ बनते रहिये और यदि मेरे ऊपर भरोसा है तो सब लोग एक मीटिंग बुलाइये और जब मुझे बुलाएंगे, तभी मै आऊंगा, क्योंकि मुझे आपके सहयोग की जरूरत नहीं बल्कि आपको मेरे सहयोग की जरूरत है,इतना बताने के बावजूद अभी भी रोम का नीरो बनकर बांसुरी बजानी है तो बजाते रहिये,फिर आपको कोई नही बचा सकता। *अखिलेश पाण्डेय*