रसोई किसी भी घर का केंद्र- बिंदु होती है, जिसे पुरातन काल से ही पवित्र स्थान माना जाता रहा है। इसका वास्तु के र अनुरूप होना बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई का स्थान, दिशा और उसकी सजावट व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करती है। रसोई का सही दिशा में होना सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जबकि गलत दिशा में होने पर नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है, जो स्वास्थ्य, वास्तुविट समृद्धि और रिश्तों पर बुरा असर डालता है।
◾गैस-स्टोव दक्षिण-पूर्व में : भारतीय परंपरा में ऐसी रसोई की कल्पना नहीं की जा सकती, जहां अग्नि न हो। वास्तुशास्त्र कहता है कि रसोई, घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में होनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण-पूर्व दिशा में अग्नि तत्व का प्रभुत्व है। इस अग्नि तत्व के कारण भोजन में पोषक तत्व, प्रोटीन और खनिज सुरक्षित रहते हैं। परिणामस्वरूप मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा के साथ संतुलित आहार भी मिलता है,जो उन्हें स्वस्थ रहने और जीवन के हर पहलू में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करता है। लेकिन अगर किसी कारणवश आपका रसोई घर दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं है तो आप गैस-स्टॉव को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। यह स्थान उस क्षेत्र के सभी नकारात्मक वास्तु के प्रभावों को नियंत्रित कर लेगा।
■ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: अधिकतर घरों में रेफ्रिजरेटर होता ही है, जिसे उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। वहीं माइक्रोवेव ओवन, टोस्टर, ग्रिलर, इंडक्शन प्लेट आदि आज भारतीय रसोई का अभिन्न अंग बन गए हैं, जिनके बिना रसोई घर अधूरा लगता है। इसलिए इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रसोई की दक्षिण-पूर्व दिशा से दक्षिण दिशा में ही रखें। वास्तु सूत्रों के अनुसार, मिक्सचर और ग्राइंडर भी रसोई की उत्तर पूर्व दिशा में न रखें, इससे सिर दर्द की आशंका बढ़ सकती है।
■ पश्चिम और दक्षिण कोना बर्तन या कच्चे खाद्य भंडारण के लिए उत्तम है। इसलिए रसोई घर में रखे जाने वाले बर्तनों की अलमारी इसी दिशा में रखनी चाहिए।
■ चप्पल-जूते नहीं : सनातन शास्त्र कहता है कि रसोई घर में मां अन्नपूर्णा अपनी सभी दिव्य शक्तियों के साथ रहती हैं, इसलिए इसे साफ रखना जरूरी है और इस स्थान पर जूते पहनकर नहीं आना चाहिए। लेकिन कई बार चिकित्सकीय परिस्थितियों में नंगे पैर चलना संभव नहीं होता। ऐसी स्थिति में आप कपड़े के स्लीपर रसोई घर में पहनकर जा सकती हैं।
■ कूड़ेदान : खाना बनेगा तो कूड़ा भी निकलेगा और इस कूड़ेदान को रखने की भी सही दिशा वास्तु सूत्रों में बताई गई है, जो है रसोई घर के दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम के बीच। आप इन वास्तु सूत्रों को लागू करके रसोई की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकती हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर जीवन का आनंद ले सकती हैं।