चंदौली। धानापुर बीईओ अवधेश नारायण सिंह के भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहने के कारण परिषदीय हैं स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। इसकी शिकायत होने के बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं हो पाया है। उल्टे शिक्षा विभाग के आला अधिकारी मौन साधे हुए हैं। चंदौली जिले के धानापुर ब्लॉक में शिक्षा विभाग को इस वक्त अधिकारी और शिक्षक नहीं, बल्कि बीईओ के शागिर्द चला रहे हैं। तभी तो यहा बेवदा प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक ईंट भट्ठा चलाते हैं। और उनके स्थान पर रनपुर गांव के किसान बच्चों को पढ़ाते हैं।

यह स्थिति आज की नहीं है। बल्कि यह खेल वर्ष 2018 से बेरोकटोक चल रहा है। यह अलग बात है कि इसके एवज में बीईओ की जेबें गर्म रहती । इसी तरह से बीईओ के संरक्षण दो दर्जन से अधिक बिना मान्यता के फर्जी स्कूल भी धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। कई स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को तो बीईओ ने अपना निजी ड्राइवर और अंगरक्षक बना लिया है। इस वजह से वे समय से स्कूल आने के बजाय रोज उनके साथ रहकर उनकी गाड़ी की शोभा बढ़ाते रहते हैं।
फर्जीवाड़े का आलम यह है कि अमर शहीद हीरा सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिंगुतरगढ़ में बीईओ के मौखिकनिर्देश पर चपरासी ने सैकडों बच्चों का रजिस्ट्रेशन कर दिया। और अब जब पोल खुल गई तो सनरेज प्राइमरी स्कूल से भाड़े के शिक्षक और कुछ विद्यार्थी मंगाकर स्कूल चलाने लगा। मजेदार बात यह है कि सभी मामले उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी जांच के आदेश देकर चुप हो जाते हैं। लेकिन यह जांच कब पूरी होगी।
यह तिथि बताने में कतराने लगते हैं। कई दिनों तक लगातार अखबारों ने जब इस मुद्दे को उठाया तो बीईओ ने आरोपियों को पत्रकार के घर भेजकर दबाव बनवाना शुरू कर दिया। नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि बीईओ कह रहे हैं कि मीडिया को मैनेज करो वरना कार्रवाई झेलो। जो भी हो बीएसए, एडी बेसिक और डीएम इस ओर ध्यान दें। अन्यथा यदि जनता का आक्रोश फूटा तो फिर उन्हें रोक पाना मुश्किल हो जाएगा।
जिसके दामन पर लगा है दाग, वही कर रहा जांच
चंदौली। शिक्षा विभाग का हाल गजब है। यहां जिसके दामन पर भ्रष्टाचार के दाग हैं। वे खुद भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं। मजेदार बात यह है कि अब तक शिक्षा विभाग के अलग अलग कारनामों की एक दर्जन किश्तें प्रकाशित हुई। बड़े अफसरों ने सभी मामलो की जांच के आदेश दिए। किन्तु जांच के नाम पर अब तक केवल खानापूर्ति की गई। कार्रवाई के नाम पर बीईओ के द्वारा अब तक पांच दर्जन से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नोटिस जारी की गई। किंतु कोई कार्रवाई करने के बजाय आरोपितों से वसूली कर मामले की लीपापोती कर दी गई। ऐसे में चर्चा यह हो रही है कि जब दागी ही जांच करेंगे तो सच कैसे उजागर होगा।
बीईओ के भ्रष्टाचार की कब होगी जांच
चंदौली। क्षेत्र के बेवदा प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक अखिलेश सिंह के स्थान पर रनपुर गांव निवासी गंगा सिंह के द्वारा बच्चों को पढ़ाने तथा अमर शहीद हीरा सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिंगुतरगढ़ में प्रधानाध्यापक और अध्यापकों के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद पर बीईओ के मौखिक आदेश पर चपरासी के द्वारा 101 बच्चों का पंजीकरण करने के मामले में बीईओ अवधेश नारायण सिंह की भूमिका संदिग्ध दिखने के बाद भी शिक्षा विभाग के जिम्मेदार उच्चाधिकारियों सहित जिला प्रशासन मौन है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे धानापुर बीईओ की जांच कब होगी।